Vakri Graha आज का यह लेख वक्री ग्रह को समझने के लिए समर्पित है। वक्री ग्रह का विषय बहुत ही महत्वपूर्ण विषय है। इसलिए आज के इस लेख में वक्री ग्रह से संबंधित सभी जो भ्रम मस्तिष्क में विद्यमान रहते हैं वो साफ हो जायेंगे और इस 17 जून 2023 को शनि वक्री होने जा रहे हैं (Shani Vakri 2023), इसका क्या अर्थ है? कैसे परिणाम देंगे— किसको सकारात्मक फल मिलेंगे और किसको नकारात्मक; ये सभी तथ्य आपको साफ हो जायेंगे।
सबसे पहले वक्री क्या है? यह समझना बहुत जरूरी है। बहुत से लेख प्रकाशित हुए हैं इस 17 जून 2023 को शनि के वक्री होने पर कि पाँच राशि वालों की लॉटरी लगने वाली है, चार राशि वाले संभलकर रहें तथा तीन राशि वालों पर भारी संकट आने वाला है तो ऐसा कुछ भी नहीं है। (shani vakri 2023 in hindi)
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ज्योतिष एक विज्ञान
Vakri Graha बिना लग्न कुंडली के आपको यह चीज़ पता ही नहीं चलेगी कि शनि आपको कैसे परिणाम देंगे। तो वक्री ग्रह कैसे परिणाम देते हैं इसको आप समझ लीजिए उसके पीछे का कारण समझ लीजिए। ज्योतिष को विज्ञान कहा जाता है और विज्ञान है तो विज्ञान के पीछे कोई न-कोई कारण होता है जिसके आधार पर ही हम किसी तथ्य को समझने का प्रयास करते हैं तो आज मैं आपको साफ कर दूँगा कि वक्री का अर्थ है क्या?
वक्री का अर्थ
वक्री अर्थात् ‘उल्टा चलना’ सभी लोग वक्री ग्रह का अर्थ यही समझते हैं। यानी कोई ग्रह सीधा चल रहा है, सीधी दिशा में घूम रहा है और वक्री होकर उल्टा चलने लगा तो ये भ्रम दिमाग से दूर कर दीजिए कि कोई भी ग्रह जीवन में कभी भी उल्टा नहीं चलता है। अब फिर वक्री ग्रह का अर्थ क्या हुआ? वक्री का अर्थ हुआ कि मान लीजिए कोई ग्रह है उनके अलग-अलग घूमने की जो गति है जैसे चंद्र लगभग एक महीने में ही पूरा चक्कर लगा लेते हैं।
तो अगर हम इस चीज़ को समझने की कोशिश करें कि एक राशि में एक ग्रह इतने अंश चल रहा है और चलते समय उसके अंश में कमी आती है, जैसे मान लीजिए कोई ग्रह 2 अंश चला और उस महीने या दो-तीन महीनों के अन्तराल में उसके चलने की जो गति है उसमें कमी आ गई और वो दो अंश की जगह डेढ़ अंश ही चला तो इस स्थिति को हम वक्री कहते हैं।
आप इस चीज़ को उदाहरण से भी समझ सकते हैं जैसे मान लीजिए कोई गाड़ी है जो हमारी गाड़ी के समानांतर चल रही है और एक निश्चित समय पर यदि उसकी गति कम हो गई तो अगर हम उस गाड़ी को अपनी गाड़ी में से देखेंगे तो हमें वो गाड़ी पीछे जाती हुई नजर आएगी और ऐसा प्रतीत होगा कि गाड़ी पीछे की तरफ जा रही है। जबकि यथार्थ में वो गाड़ी पीछे नहीं जा रही है बल्कि उसकी गति में कमी आने के कारण ऐसा लग रहा है।
ऐसे ही वक्री ग्रहों में होता है जब ग्रह की गति में कमी होती है; जब उनकी गति कम होती है तो देखने पर ऐसा लगता है कि वो ग्रह पीछे की तरफ जा रहें हैं जबकि वो पीछे नहीं जाते हैं। उनकी जो चलने की गति है वो आगे की दिशा में ही है पर लगता ऐसा है कि वो पीछे की तरफ जा रहे हैं और इसे ही ज्योतिष विज्ञान में वक्री शब्द दिया गया है। तो कोई भी ग्रह उल्टा नहीं चलता है बल्कि वक्री होने का मतलब ग्रह की गति कम हो गई है।
वक्री ग्रह का फल
अब वक्री ग्रह का फल कैसा मिलेगा इसके पीछे साधारण सा कारण हैं कि लग्न कुंडली में जो ग्रह अपनी स्थिति को दिखा रहा है गोचर में भी वैसे ही परिणाम देगा। हम 17 जून 2023 की जो बात कर रहे हैं शनि के वक्री होने की वो गोचर का विषय है। गोचर में शनि वक्री होंगे तो परिणाम कैसे देंगे? अगर लग्न कुंडली के अंदर शनि योगकारक हैं, सकारात्मक परिणाम देने के लिए बाध्य हैं तो गोचर में भी सकारात्मक फल ही देंगे। लेकिन लग्न कुंडली में शनि जब मारक हों, नकारात्मक फल देने के लिए बाध्य हों तो गोचर में भी नकारात्मक परिणाम ही मिलेंगे।
गोचर में वक्री शनि का फल
अब गोचर में जो परिणाम मिलने वाले हैं या फिर शनि के जो हमें फल मिलेंगे वो ज्यादा मिलेंगे या कम इसके लिए लग्न कुंडली को देखना होता है। लग्न कुंडली ने जो कमिटमेंट कर दिया कि जैसे शनि सकारात्मक फल देंगे तो अधिक सकारात्मक फल देंगे या नहीं या कम देंगे तो इसको भी समझिए। वक्री का मतलब हुआ गति का कम होना और गति का कम होने का मतलब हुआ; निश्चित उस राशि में ज्यादा समय तक किसी ग्रह का रहना।
आप इस चीज़ को भी समझिए कि यदि हम गोचर की बात करते हैं तो अधिकतर गुरु, शनि और राहु-केतु की ही चर्चा करते हैं क्योंकि यह ग्रह एक राशि में अधिक समय तक रुकते हैं तो इनके जो घूमने का समयकाल है वो बहुत लम्बा है इसीलिए इनका जो समय रहता है एक राशि में भ्रमण करने का वो ज्यादा रहता है। इसी कारण से गोचर में इनकी चर्चायें अधिक होती हैं। जब अधिक समय तक रुकते हैं तो परिणाम भी हमें इनके अधिक मिलते हैं क्योंकि एक निश्चित भाव में कोई ग्रह अधिक समय तक ठहरा हुआ है तो अपने अधिकार क्षेत्र को भी अमुक ग्रह अधिक प्रभावित करता है जैसे शनि का उदाहरण लेते हुए समझते हैं।
ये लग्न कुंडली कमिटमेंट कर रही है कि शनि मारक हैं क्योंकि मेष राशि में नीच के हैं। अब शनि जहाँ बैठे हैं यानि पहले भाव को भी प्रभावित करेंगे और दशम तथा एकादश भाव में इनकी राशि है तो इन भावों को भी प्रभावित करेंगे और 3H-7H-10H को भी प्रभावित करेंगे क्योंकि यहाँ शनि की दृष्टियाँ पड़ रहीं हैं।
इसके अलावा गोचर में अभी शनि एकादश भाव को अधिक प्रभावित करेंगे क्योंकि शनि का गोचर कुंभ में है; इसलिए गोचर के अनुसार 1H-5H-8H को भी प्रभावित करेंगे क्योंकि यहाँ इनकी दृष्टि पड़ रहीं हैं और 10H में इनकी राशि है तो इसको भी प्रभावित करेंगे साथ में चंद्र मकर राशि में हैं इसलिए मकर राशि पर शनि की ढैया का अस्त चरण भी चल रहा है जोकि 17 जून 2023 के वक्री होने पर शिखर चरण में परिवर्तित हो जाएगा।
इन सभी के साथ में शनि जिस भाव के कारक ग्रह हैं उस भाव को भी प्रभावित करेंगे। तो देखा ना आपने कि शनि ने लगभग सभी को कवर कर लिया; अब ये लग्न कुंडली शनि के मारक या नकारात्मक फल देने का कमिटमेंट कर रही है तो गोचर, साढ़ेसाती, ढैया, वक्री, नवमांश आदि-आदि चाहें जो स्थिति हो शनि नकारात्मक फल ही देंगे लेकिन यदि शनि लग्न कुंडली में अस्त हों या मृत अवस्था में हों तो शनि का नकारात्मक प्रभाव अधिकतर समाप्त हो जाएगा लेकिन फिर भी शनि की ढैया से कोई नहीं बच सकता है।
निष्कर्ष
साधारण सा विषय है और इसके पीछे का कारण भी एकदम साधारण है; हो सकता है आपको समझ ना आया हो लेकिन एकबार पुनः पढ़ने पर निसंदेह समझ आ जाएगा और यदि समझ आ जाए तो कमेंट करके अपनी राय अवश्य देना। वक्री ग्रह कुछ नहीं बस आप ये समझ के चलो कि लग्न कुंडली में कोई ग्रह योगकारक और वो वक्री भी है तो उसके सकारात्मक परिणामों में वृद्धि हो जाएगी, इसी प्रकार मारक होने पर होता है कि नकारात्मक परिणाम अधिक मिलते हैं।
विनम्र निवेदन
दोस्तों वक्री ग्रह (Vakri Graha) से संबंधित प्रश्न को ढूंढते हुए आप आए थे इसका समाधान अगर सच में हुआ हो तो इस पोस्ट को सोशल मीडिया पर अधिक से अधिक महानुभाव तक पहुंचाने में मदद करिए ताकि वो सभी व्यक्ति जो ज्योतिषशास्त्र में रुचि रखते हैं, अपने छोटे-मोटे आए प्रश्नों का हल स्वयं निकाल सकें। इसके साथ ही मैं आपसे विनती करता हूँ कि आप कुंडली कैसे देखें? सीरीज को प्रारम्भ से देखकर आइए ताकि आपको सभी तथ्य समझ में आते चलें इसलिए यदि आप नए हो और पहली बार आए हो तो कृपया मेरी विनती को स्वीकार करें।
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यह जानकारी मुझे बिल्कुल नहीं थी पर आपका लेख पढ़कर वक्री होने का सही अर्थ समझ आया।।
धन्यवाद
बहुत आभार आपका।