Navmansh kundli kaise dekhe इस प्रश्न को आज के बाद पूछने की आवश्यकता आपको नहीं पड़ेगी क्योंकि जितना आसान प्रकार से नवमांश कुंडली को समझाया गया है उतना आसान आज के बाद आपको शायद कहीं नहीं समझने को मिलेगा। नमस्ते! रामराम Whatever You Feel Connected With Me. मैं ललित कुमार स्वागत करता हूँ आपका नवमांश कुंडली अध्याय में, इस से पहले हम कुण्डली में 12 भाव और मनुष्य जीवन में उनका फलादेश आदि विषयों पर चर्चा कर चुके हैं।
विषय सूची
नवमांश कुंडली कैसे देखें?
- Navmansh kundli kaise dekhe अध्याय को आरम्भ करने से पहले मैं आपसे कहना चाहूँगा कि एकाग्रता के साथ बैठिए और दो खाली पेपर भी ले लीजिए ताकि ये अध्याय आपको पूर्णतया समझ में आए।
- Navmansh kundali को D-9 चार्ट कहते हैं। कुल D-1 से D-65 तक चार्ट होते हैं जिनका अध्ययन हम विशेष ज्ञान को हांसिल करने के लिए सूक्ष्म प्रकार से करते हैं। (D= Divisional Chart)
- लग्न कुंडल में 7H से जिस-जिस का विश्लेषण किया जा सकता है उन सभी को सूक्ष्म अध्ययन के लिए Navmansh kundali के अध्ययन की आवश्यकता होती है। लग्न कुंडली और Navmansh kundli के भावों (House) में अगर समान नंबर हों तो वह वर्गोत्तम Navmansh kundli कहलाती है। देखें चित्र-1 में——-
मुख्यतः Navmansh kundli का अध्ययन जीवनसाथी के बारे में जानने के लिए भी किया जाता है। विवाह में अड़चने-रुकावटें आदि सभी 7H से संबंधित विषयों का सूक्ष्म ज्ञान प्राप्त करने के लिए Navmansh kundali का अध्ययन जरूरी हो जाता है।
Navmansh kundali देखने की आवश्यकता क्यों?
- नवमांश कुण्डली आपको जभी देखनी है जब आपको लगे कि लग्न कुंडली में 7H की स्थिति अच्छी नहीं है।
- अगर लग्न कुंडली में 7H की स्थिति अच्छी हो तो फिर आपको नवमांश कुंडली देखने की आवश्यकता ही नहीं है।
- लग्न कुंडली में 7H का मालिक अगर त्रिक भाव में चला जाए, लग्न कुंडली में मारक की श्रेणी में आ जाए, किसी दोष का निर्माण करे, सूर्य से अस्त हो जाए या फिर 7H के मालिक की डिग्री 0,1,2,3——28,29 हो तो ऐसी स्थिति में हमें नवमांश कुंडली देखने की आवश्यकता पड़ती है।
नवमांश कुंडली में क्या देखें?
नवमांश कुंडली में आपको सिर्फ 1H और 7H का ही अध्ययन करना है। देखें चित्र-2 में—-
नवमांश कुंडली में डिग्री नहीं होती है। जो डिग्री लग्न कुंडली में होती है वही डिग्री नवमांश कुंडली के विश्लेषण के लिए भी होती है।
नवमांश कुंडली से क्या नहीं करना है?
- नवमांश कुंडली से रत्न का चयन नहीं करना है, रत्न लग्न कुंडली के आधार पर ही पहने जाते हैं।
- किसी प्रकार का ग्रहों का उपाय जैसे दान, बीज मंत्र आदि लग्न कुंडली के आधार पर ही किया जाता है Navmansh kundali के आधार पर नहीं।
- Navmansh kundli से केवल यही जाना जाता है कि 7H की जो स्थिति लग्न कुंडली में दिखाई दे रही है क्या वही स्थिति Navmansh kundli में है अथवा नहीं।
Example-1
जन्मतिथि | 6 सितंबर, 1993 |
जन्मसमय | 11:15AM |
जन्मस्थान | Ahmadnagar, MH |
योगकारक | मारक |
शुक्र | मंगल |
गुरु (विपरित राजयोग) | राहु (नीच) |
शनि | केतु (नीच) |
बुध (बुधादित्य राजयोग) | |
चंद्र (सम) | |
सूर्य (स्वराशि) |
- आप इस विषय को गूगल पर ढूंढते हुए आए हो तो यह स्पष्ट है कि आपको लग्न कुंडली बहुत बेहतर तरीके से देखना आता होगा इसलिए मैं यहां पर केवल नवमांश के बारे में बात करूँगा।
- यह तुला लग्न की कुंडली है। इसमें हमने देखा कि 7H में 1 लिखा है यानि कि मेष राशि; अष्टम-द्वादश सिद्धांत के अनुसार लग्न कुंडली में 2H और 7H का विश्लेषण किया जाता है।
- इस लग्न कुंडली में 7H में 1 लिखा है जो मेष राशि है और मेष राशि के स्वामी मंगल देव हैं चूँकि मंगल देव और शुक्र देव आपस में शत्रु हैं इसीलिए मंगल देव इस लग्न कुंडली में मारक हुए।
- इस तुला लग्न की कुंडली में 7H की राशि के मालिक मंगल देव मारक हैं यह तो पता चला लेकिन अब देखना है कि मंगल देव इस लग्न कुंडली में कहाँ पर विराजित हैं। मंगल देव 12H में जाकर बैठ गए जो कुंडली का अच्छा घर नहीं माना जाता है इसलिए कुलमिलाकर हमें यह पता चला कि इस तुला लग्न की कुंडली में 7H की स्थिति अच्छी नहीं है।
- अब हमें नवमांश में प्रवेश करना है क्योंकि हमने देखा कि लग्न कुंडली में 7H अच्छा प्रतीत नहीं हो रहा है। बिना नवमांश देखे हम 7H की भविष्यवाणी नहीं कर सकते क्योंकि लग्न कुंडली अर्थात् बाहर से तो हमें पता चला कि 7H से संबंधित समस्या होने वाली है लेकिन यह पूर्णतया सत्य नहीं है।
- जैसे ही हमें पता चला कि 7H कुण्डली में खराब है वैसे ही हमने नवमांश कुंडली देखी। अब देखो नवमांश में, उपर अगर आपने पढ़ा हो तो बताया जा चुका है कि नवमांश कुंडली में भी हमें नवमांश कुंडली का सिर्फ 1H और 7H देखना है इसके अलावा कुछ और नहीं।
- यहां नवमांश कुंडली में 1H में 3 लिखा है जो कि मिथुन राशि है और 7H में 9 लिखा है जो धनु राशि है। इस प्रकार नवमांश कुंडली में लग्नेश हुए बुध देव और सप्तमेश हुए बृहस्पति देव।
- अब सबसे पहले नवमांश कुंडली के 1H का विवेचन करते हैं। 1H में कोई ग्रह नहीं है लेकिन 1H की राशि के मालिक बुध देव 7H में धनु राशि में है जो सही हैं इस प्रकार हमें पता चला कि नवमांश कुंडली में 1H की स्थिति अच्छी है इसलिए हमें यहां पर 1 पॉइंट प्लस (+) में मिला।
- अब बात करें नवमांश कुंडली के 7H के बारे में जहाँ लिखा है 9 नंबर यानि कि धनु राशि जो गुरु देव की है। बृहस्पति बुध के मित्र भी है और बैठे भी 2H कर्क राशि में जो बृहस्पति देव की उच्च राशि है तो यहां पर हमें एक और पॉइंट प्लस (+) में मिला।
- लेकिन 7H में दो ग्रह भी बैठे हैं एक शुक्र और एक बुध। बुध के बारे में हमने बात कर ली अब शुक्र देव के बारे में बात करें तो नवमांश कुंडली के अनुसार शुक्र देव ईष्ट देव हैं इसलिए वो भी योगकारक हैं।
- सभी बिंदुओं का आंकलन करने के पश्चात् हमें पता चला कि नवमांश कुंडली हमारी अच्छी है।
Example-1 का निष्कर्ष
लग्न कुंडली में 7H हमें खराब प्रतीत हुआ इसलिए हमने नवमांश कुंडली में प्रवेश किया लेकिन नवमांश कुंडली का अध्ययन करने के पश्चात् हमें पता चला कि Navmansh kundli हमारी अच्छी है तो लग्न कुंडली में 7H से संबंधित विषयों की समस्या हमारे जीवन में नहीं होने वाली हैं।
Example-2
जन्मतिथि | 14 october, 2018 |
जन्मसमय | 11:15 AM |
जन्मस्थान | Sikandra, Rao |
योगकारक | मारक |
मंगल (उच्च) | गुरु (लग्न दोष) |
शुक्र (स्वराशि) | शनि |
बुध (लक्ष्मी-नारायण योग) | चंद्र (नीच) |
सूर्य | राहु |
केतु |
इस लग्न कुंडली में हमने 7H देखा जहाँ लिखा है 3 नंबर यानि कि मिथुन राशि जिसके स्वामी बुध देव हैं जो कि इस धनु लग्न की कुंडली में योगकारक होते हैं इसलिए अब हमें Navmansh kundali देखने की आवश्यकता ही नहीं है सो अब हम इस जन्मपत्री में Navmansh kundli का अध्ययन नहीं करेंगे क्योंकि हमें पता चल गया कि इस कुण्डली के जातक को 7H से संबंधित विषयों की समस्या नहीं होने वाली है।
Example-3
जन्मतिथि | 18 April, 2022 |
जन्मसमय | 02:40 PM |
जन्मस्थान | Aligarh, UP |
योगकारक | डिग्री | बल | बल | डिग्री | मारक |
सूर्य (उच्च) | 4° | 25% | 50% | 19° | शुक्र |
बुध (बुधादित्य राजयोग) | 19° | 50% | 25% | 25° | चंद्र |
मंगल | 8° | 50% | 0% | 29° | राहु (सूर्य ग्रहण) |
गुरु (विपरित राजयोग) | 1° | 0% | 0% | 29° | केतु (चंद्र ग्रहण) |
शनि (विपरित राजयोग) | 29° | 0% |
- इस सिंह लग्न की कुंडली में 7H के मालिक शनि देव हैं वैसे तो अष्टम-द्वादश सिद्धांत के अनुसार शनि देव इस सिंह लग्न की कुंडली में मारक होते हैं लेकिन उनकी एक राशि मकर 6H में भी है जिसके कारण इस कुण्डली में विपरित राजयोग का निर्माण कर रहें हैं और विपरित राजयोग बनाने के कारण योगकारक हो गए।
- चूंकि अब सिंह लग्न में योगकारक हो गए इसलिए शनि देव at least Result जब भी देंगे अच्छा ही देंगे लेकिन इस लग्न कुण्डली के अनुसार शनि देव किसी भी प्रकार का परिणाम नहीं दे सकते क्योंकि उनमें बल 0% है।
- इस लग्न कुंडली में एक पॉइंट तो साफ हुआ वो ये कि सप्तम भाव का मालिक योगकारक है लेकिन यहां 7H में शुक्र और मंगल की युति भी है हालाँकि मंगल देव तो योगकारक हैं लेकिन शुक्र देव मारक हैं इसलिए इस लग्न कुंडली में 7H से संबंधित एक पॉइंट हमें नकारात्मक मिला।
- इसी पॉइंट को और बारीकी से जाँचने के लिए अब हमें Navmansh kundali का अध्ययन करना पड़ेगा।
- Navmansh kundali के 1H में 4 नंबर लिखा है अर्थात् 4 नंबर की राशि है कर्क तो Navmansh kundli कर्क लग्न की कुंडली हुई तो पहले Navmansh kundli का 1H ही clear कर लेते हैं।
- कर्क राशि के स्वामी चंद्र देव होते हैं। Navmansh kundali में चंद्र देव 11H में वृषभ राशि में विराजित हैं जो चंद्र देव की उच्च राशि है। इसलिए Navmansh kundli में चंद्र देव योगकारक हुए तो यहां हमें 1 पॉइंट प्लस (+1) में मिला।
- अब देखो Navmansh kundli में ही 1H में गुरु भी विराजित है जो Navmansh kundli में षष्ठेस होने के साथ-साथ भाग्येश भी हैं तथा 1H में कर्क राशि जो बृहस्पति देव की उच्च राशि है वहाँ विराजमान हैं इसलिए इस point of view से भी हमें 1 point + में मिला।
- अब बात करते हैं Navmansh kundli के 7H के बारे में जहां लिखा है 10 नंबर जो मकर राशि होती है जिसके स्वामी शनि देव होते हैं। इस Navmansh kundli के अनुसार शनि देव मारक हुए क्योंकि अष्टम-द्वादश सिद्धांत के अनुसार 7H की राशि का मालिक लग्नेश का शत्रु तो वो ग्रह शत्रु।
- चूँकि चंद्र-शनि की आपस में शत्रुता है इसी कारण इस Navmansh kundli में शनि देव मारक हुए। अब हमें 1 point negative मिला।
- तो कुलमिलाकर इस Navmansh kundli के अध्ययन के पश्चात् भी हमें 1 point negative मिला और लग्न कुंडली के विश्लेषण से भी शुक्र देव की वज़ह से हमें 1 Point Negative मिला तो कह सकते हैं कि इस जातक को कुछ समस्या 7H से संबंधित होगी अब क्या होगी ये एक अलग विषय है। अभी फिलहाल हम Navmansh kundli kaise dekhe सीख रहें हैं जिसको आपने भली-भांति सीखा।
Navmansh kundli kaise dekhe का निष्कर्ष
- Navmansh kundali में लग्नेश की स्थिति
- Navmansh kundli में लग्न में बैठे ग्रह
- Navmansh kundali में सप्तमेश की स्थिति
- Navmansh kundli में 7H में बैठे ग्रह
उपर्युक्त चार बिंदुओं को ही आपको Navmansh kundli में देखना है। इन्हीं चार बिंदुओं का विश्लेषण करना है जैसे Example-1,2,3 में बताया गया है। आशा करता हूँ Navmansh kundli kaise dekhe अध्याय आपको पूर्णतया समझ में आ गया होगा, अगर कुछ समस्या हो रही हो तो आप इस अध्याय को एक बार पुनः पढ़े; मैं विश्वास दिलाता हूँ कि अभी एक-दो प्रश्न जो आपके दिमाग में भ्रमण कर रहें हैं उनका समाधान एक बार पुनः पढ़ने से स्वतः ही हो जाएगा। फिर भी अगर कोई प्रश्न रह जाता है तो आप comment करके मुझसे बेझिझक पूछ सकते हैं, निस्संदेह आपकी समस्या का समाधान होगा।
नवमांश कुंडली का फलकथन
नवमांश कुंडली का लग्नेश, नवमांश कुंडली से पति, नवमांश कुंडली का सप्तम भाव खराब होने पर क्या उपाय करें, नवमांश कुंडली से पत्नी कैसे देखें, नवमांश कुंडली में राजयोग कैसे पता करें, नवमांश कुंडली में संतान योग कैसे बनेगा आदि ऐसे बहुत सारे प्रश्न हैं जो वेवज़ह ही आपके मस्तिष्क में बने हुए हैं जिनका नवमांश कुंडली से कुछ लेना-देना नहीं है। नवमांश कुंडली से किसी प्रकार का कोई फलकथन नहीं होता है और ना ही किसी प्रकार का कोई उपाय किया जाता है और ना ही कोई विश्लेषण किया जाता है।
नवमांश कुंडली से केवल यह देखा जाता है या उसका विश्लेषण करके ये जाना जाता है कि जो स्थिति हमारी लग्न कुंडली में सप्तम भाव की थी, क्या वही स्थिति नवमांश कुंडली में है अथवा नहीं और नवमांश कुंडली के अध्ययन का आसान तरीका मैंने आपको बतलाने का प्रयास किया। चाहें जो स्थिति अच्छी या बुरी नवमांश कुंडली का अध्ययन करने के पश्चात् हमारे सामने प्रस्तुत हो लेकिन उपाय या कोई भी विधान करना हमें लग्न कुंडली के अनुसार ही है।
इस बात को आप ध्यान रखना कि नवमांश कुंडली सिर्फ लग्न कुंडली के सप्तम भाव का अध्ययन है इसके अलावा कुछ और नहीं; ना तो रत्न का चयन नवमांश कुंडली से होता है और ना ही किसी ग्रह का कोई उपाय, ये सभी चीजें लग्न कुंडली के अनुसार ही होती है अर्थात् लग्न कुंडली का विश्लेषण करने के पश्चात् ही कुछ कहा, बताया अथवा सुझाया जा सकता है। तो फिर आपका इस प्रकार का प्रश्न करना कि नवमांश कुंडली का सप्तम भाव खराब होने पर क्या करें? आदि ऐसे ही बहुत सारे प्रश्न निरर्थक हैं।
विनम्र निवेदन
दोस्तों नवमांश कुंडली कैसे देखें? प्रश्न को ढूंढते हुए आप आए थे उसका समाधान अगर सच में हुआ हो तो इस पोस्ट को सोशल मीडिया पर अधिक से अधिक महानुभाव तक पहुंचाने में मदद करिए ताकि वो सभी व्यक्ति जो ज्योतिषशास्त्र में रुचि रखते हैं, अपने छोटे-मोटे आए प्रश्नों का हल स्वयं निकाल सकें। एक विनती और करना चाहूँगा आपसे कि यदि आप नए हो, इस वेबसाइट पर नहीं बल्कि ज्योतिषशास्त्र के क्षेत्र में तब आपके सामने नवमांश कुंडली का विषय पेचीदा लगे क्योंकि आपको आधा-अधूरा ज्ञान है और इस स्थिति में मैंने जो कहा वह भी आपके विचार में सही होगा तथा किसी अन्य के द्वारा कुछ कहा गया भी उचित ही होगा।
इसलिए मेरी हाथ जोड़कर विनती है आपसे कि पहले आप ज्योतिष का बेसिक सीखें मतलब प्रारम्भ से ज्योतिष को सीखें और समझें कि ऐसा है तो आखिर क्यों है? मेरा यक़ीन करिए आप स्वतः ही अपनी समस्याओं का उचित हल निकालने में सछम होंगे। यदि आप नवमांश कुंडली कैसे देखें? सीधे इसी विषय को जानने के बारे में यहाँ आएँ हैं तो मेरा ये कहना उचित होगा कि आपको आधा-अधूरा ही समझ आया होगा क्योंकि बहुत सारी ऐसी बातें हैं जिनको कुंडली कैसे देखें? सीरीज में मैं बताता हूँ जिससे आप अनभिज्ञ हैं।
अगर आप अनभिज्ञ नहीं है तो आप जानकार हैं और अगर ऐसा है तो फिर कोई समस्या नहीं क्योंकि आपको सबकुछ आता ही है लेकिन मैं नए व्यक्तियों के बारे में बात कर रहा हूँ और निवेदन कर रहा हूँ कि ज्योतिष को प्रारंभ से सीखें।
ज्योतिष परामर्श
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यह कोई आवश्यक नहीं कि योग्यवान व्यक्ति ही योग्यता की बात करे, कभी-कभी सामान्य व्यक्ति भी ऐसी बात कर देता है जो अनोखी होती है; इसलिए किसी भी सामान्य व्यक्ति को अपने जीवन में सामान्य या फिर तुच्छ समझने की कोशिश ना करें।
ललित कुमार
श्रीमान,
आपकी लेखनी को पढ़कर मेरी जिज्ञासा शत प्रतिशत शांत हुई,बहुत ही अच्छा लिखते है आप,
Sir bahut hi anubhavi hain and sateekta se prediction karte hain.
Inki jaankari bahut achhi hai and inhone jo upay mujhe bataye the 45 days mein hi farak pad gaya. Mein sabko kahunga inse jude aur jyotish ka laabh len.
Lalit g mere navmansh mein meri wife or job kaisi raheygi pls confirm ek barr navmansh kundli dekher Kam mera sahi nahi hai
Sani lagan kundli mei neech kei han so vo navmansh mei kaisa fall dei rahey han