Lalit Kumar Astrologer
मुझसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद!
ज्योतिष विषय उतना ही प्राचीन है जितना कि वेद बल्कि सृष्टि की उत्पत्ति के साथ ही ज्योतिषशास्त्र का जन्म हुआ ऐसा कहा जा सकता है। प्राचीन काल में ग्रह, नक्षत्र और अन्य खगोलीय पिण्डों का अध्ययन करने के विषय को ही ज्योतिष कहा गया था। अतः इस वेबसाइट के माध्यम से मैं आपकी समस्याओं का समाधान करने का प्रयास करूँगा।
रत्न चयन, कुण्डली विश्लेषण, कैरियर/ व्यापार में बाधा अथवा किसी भी अन्य प्रकार की समस्या आप हमसे साँझा कर सकते हैं। हम आपकी उचित सहायता करने का प्रयास करेंगे।


ललित कुमार
ज्योतिष तथा वास्तु शास्त्र से परास्नातक
मेरी विशेषता
ज्योतिष विद्या
ज्योतिष विद्या कोई साधारण विद्या नहीं है। इस विद्या के माध्यम से हम भविष्य में घटने वाली घटनाओं का आंकलन करते हैं। यहाँ तक की इसी विद्या के माध्यम से ही हम भविष्य में होने वाली सूर्य ग्रहण और चन्द्र ग्रहण जैसी घटनाओं का सटीक पता लगा लेते हैं। अतः यह विद्या बहुत ही कारगर है आपके जीवन में नया सवेरा लाने के लिए।
ज्योतिष विद्या के माध्यम से मैं आपके कैरियर/ व्यापार में रूकावट के कारणों का पता लगा सकता हूँ। इस विद्या के माध्यम से मैं आपकी कुंडली का अध्ययन करके आपके आने वाले जीवन की भविष्यवाणी इत्यादि भी सटीकता से कर सकता हूँ।
+91 888 178 2227
कुंडली निर्माण/ मिलान
कुंडली को ज्यादातर ‘जन्म पत्रिका’ या राशिफल के रूप में जाना जाता है। कुंडली मिलान प्राचीन काल से हिंदू विवाहों का एक अनिवार्य हिस्सा रहा है। सभी रीति-रिवाज और परंपराएं समय के साथ विकसित हुई हैं।
आप मुझसे कुंडली निर्माण कार्य भी करवा सकते हैं।

हमारे कार्य
कुंडली निर्माण
इसकी आवश्यकता बच्चे के जन्म के समय उसके नामकरण के लिए तो है ही आवश्यक , इसके साथ जातक के जीवन का विश्लेषण करने के लिए भी आवश्यक है।
कुंडली मिलान
विवाह के लिए वर-वधू की कुण्डली का मिलान होना नितान्त आवश्यक है क्योंकि मिलान करने के पश्चात् ही पता चलता है कि दाम्पत्य का वैवाहिक जीवन कैसा रहेगा और दोनों का मिलान विवाह के लिए श्रेयस्कर है अथवा नहीं।
कैरियर बाधा
कुण्डली का विश्लेषण करने के पश्चात् कैरियर सम्बन्धी समस्याओं का समाधान किया जा सकता है अथवा कैरियर का चयन करने में भी आसानी हो जाती है।
रत्न चयन
कई बार ऐसा होता है कि हम गलत रत्न का चयन कर लेते हैं जिससे हमारी समस्या और बढ़ जाती हैं। एक सही रत्न का चयन ही हमारे जीवन-स्तर को बेहतर बना सकता है।
संतान सुख
विवाह को अधिक समय हो गया किन्तु संतान का सुख अभी तक नहीं मिला। सामन्यतः ऐसा हो सकता है कि कारण नाड़ी दोष हो किन्तु यह कोई आवश्यक नहीं कि सिर्फ यही एक कारण हो , इसका सटीक पता कुण्डली अध्ययन के पश्चात ही लगता है।
हस्त रेखा
अगर किसी के पास कुण्डली नहीं है या फिर जन्म समय, जन्मतिथि और जन्मस्थान का पता नहीं है ऐसी दशा में भी हस्त रेखा के माध्यम से जातक की परेशानी का हल निकाला जा सकता है।